हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,मुजफ्फर नगर भोपा क्षेत्र तिस्सा में हज़रत इमाम हुसैन और उनके साथियों की याद में मजलिसो का सिसिलसा जारी है
इस अशरे की दूसरी मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना माजिद रज़ा नक़वी ने इमाम सज्जाद अ.स. की इबादत पर रोशनी डाली कि जिस तरह आपकी इबादत गुज़ारी में पैरवी ना मुमकिन है इसी तरह आपकी शाने इबादत की रकम तराजी भी दुशवार है।
मौलाना ने कहा एक वह हस्ती जिसका उद्देश्य ईश्वर की उपासना और खालिक की मारिफ़त हो और जो अपनी ज़िन्दगी का मक़सद इताअते ख़ुदा को समझता हो और इल्मे मारेफत में हद दर्जा कमाल रखता हो उसकी शाने इबादत को कलम से नहीं लिखा जा सकता और ज़बाने कलम इसकी तरजुवमानी में किस तरह कामयाबी हासिल कर सकती है।
मौलाना ने ज़ोर देते हुए कहा कि विद्वानों किं बे इंतेहा कोशिश के बावजूद इमाम सज्जाद अ.स. की शाने इबादत का मुजाहिरा नहीं हो सका।
मजलिस में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मज़ीद कहा कि मेरे मौला इमाम सज्जाद अ.स.इबादत की उस मंजिल पर फाएज़ थे जिस पर कोई फाएज़ नहीं हुआ,
अंत: में मौलाना ने हज़रत इमाम हुसैन अ.स.की बेटी ज़नाबे सकीना जो इमाम सज्जाद अ.स.की छोटी बहन थी, उनपर यज़ीद की और से ढाए गए ज़ुल्मो सितम पढ़े तो मजलिस में मौजूद शिया समुदाय की मर्द औरत फूट फूट कर रोने लगें।